राकेश ‘सोहम’
‘बहुत मज़ा आ रहा है ..बस मस्ती’, ज़वाब मेरे रूम-पार्टनर ने दिया । मैंने हाँ में सर हिलाया ।
Posted by Isht Deo Sankrityaayan on October 2, 2009
राकेश ‘सोहम’
‘बहुत मज़ा आ रहा है ..बस मस्ती’, ज़वाब मेरे रूम-पार्टनर ने दिया । मैंने हाँ में सर हिलाया ।
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Posted by Isht Deo Sankrityaayan on July 22, 2009
चेविन्गुम का एक टुकडा मुंह में डाला और मोटर – साइकिल का कान उमेंठ दिया । निकलते- निकलते हरीश शायद भाभी के बारे मैं ज़ोर -ज़ोर से चींख कर कुछ बताना चाहता था लेकिन मोटर – साइकिल की आवाज़ में कुछ समझ न सका । मैं आगे निकल गया था और गाड़ी फर्राटे भर रही थी ।
सरपट भागते हुए काफी देर हो गई थी । घड़ी में झाँका, रात्री के बारह बज रहे थे । काली नागिन सी रोड घाटी प्रारम्भ होनें की सूचना दे रही थी । रोड के किनारे खडे मील के सफ़ेद पत्थर पर ‘घाटी प्रारम्भ 55 कि.मी.’ स्पष्ट देखाई देता था ।
रात स्याह हो चली थी । लगता था राक्षसि बादलों ने चाँद को ज़बरन छिपा रखा हो । दूर कहीं रहस्यमयी संतूर बज रहा था । मैं चोंका ! क्या मोटर – साइकिल का एफ़ एम ऑन हो गया ? मैनें गाड़ी का एरिअल चेक किया । घड़ी को आंखों के करीब ले गया, ‘रात के 2 बजे तो प्रसारण बंद हो जाता है ?
पथरीली पहाड़ी की ठंडी हवाएं शूल सी चुभती थीं । घुमावदार संकरे रस्ते से गुज़रते हुए, पहाडी और रहस्यमयी हो चली थी । आकाश को छूते पहाडी के शिखर, भीमकाय और भयानक चेहरों से लगते थे । अंधे मोड़ पर मोटर -साइकिल की हेड – लाइट गहरी खाई में डूब जाती थी ।
तभी मुझे दाहिने कंधे पर नर्म हथेली का दबाब महसूस हुआ ! पिछली सीट पर किसी स्त्री के बैठे होने का अहसास हुआ । रजनीगंधा के ताजे फूलों की महक हवा में तैर गई ? मेरे रोंगटे खड़े हो गए !!
मैंने अनचाहे चालाकी से मोटर -साइकिल बहक जाने का उपक्रम किया और वह मेरा नाम पुकारती हुई गहरी खाई में समां गई । ‘उफ़ बच गया ’ मैनें रहत की साँस ली । मैनें डर के मारे मोटर -साइकिल की स्पीड और बड़ा दी । तभी याद आया ….मैं तो रीमा के साथ निकला था ? तो क्या मैनें अपनी पत्नी को ही !!…नहीं ….!!! मैनें ये क्या किया ? रीमा का सलोना चेहरा उन्हीं भीमकाय पथरीले चेहरों के बीच झाँक रहा था … मैं वापस आ रहा हूँ ‘रीमा’ ।
हेड लाइट की तेज़ रोशनी में मेरे घर का बड़ा सा गेट दिखाई दे रहा था । मैं अपने घर के सामने पहुँच चुका था और उसी घाटी की और लौटना चाहता था । तभी रीमा नें गेट खोलते हुए अन्दर आनें को कहा !!
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